विश्व का प्राचीनतम धर्म हिन्दू Hindu Religion
हिन्दू धर्म Hindu Religion : सनातन धर्म एक धर्म या, जीवन पद्धति है जिसके अनुयायी ज्यादातर भारत ,नेपाल और मॉरिशस में अधिक संख्या में रहते हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। इस धर्म को वैदिक सनातन व वर्णाश्रम धर्म भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। कई विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई भी संस्थापक नहीं है। इसे सनातन धर्म Sanatan Dharma अथवा वैदिक धर्म Vadic Dharma भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू Hindu केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है।
आर्यों Arya की
सभ्यता को वैदिक Vadic सभ्यता कहते हैं। पहले दृष्टिकोण के अनुसार लगभग
1700 ईसा पूर्व में आर्य अफ़्ग़ानिस्तान, कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में बस
गए। तभी से वो लोग अपने देवताओं को प्रसन्न करने के लिए वैदिक संस्कृत में
मन्त्र रचने लगे। पहले चार वेद रचे गए, जिनमें ऋग्वेद प्रथम था। उसके बाद
उपनिषद जैसे ग्रन्थ आए। हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ
अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को
अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध
किया। बौद्ध और धर्मों के अलग हो जाने के बाद वैदिक धर्म में काफ़ी
परिवर्तन आया। नये देवता और नये दर्शन उभरे। इस तरह आधुनिक हिन्दू धर्म का
जन्म हुआ।
भारतवर्ष को प्राचीन ऋषियों ने "हिन्दुस्थान" India नाम दिया था, जिसका अपभ्रंश "हिन्दुस्तान" है। "बृहस्पति आगम" के अनुसार: "हिन्दू" शब्द "सिन्धु" से बना माना जाता है। संस्कृत में सिन्धु शब्द के दो मुख्य अर्थ हैं - पहला, सिन्धु नदी जो मानसरोवर के पास से निकल कर लद्दाख़ और पाकिस्तान से बहती हुई समुद्र में मिलती है, दूसरा - कोई समुद्र या जलराशि। ऋग्वेद की नदीस्तुति के अनुसार वे सात नदियाँ थीं : सिन्धु, सरस्वती, वितस्ता (झेलम), शुतुद्रि (सतलुज), विपाशा (व्यास), परुषिणी (रावी) और अस्किनी (चेनाब)। एक अन्य विचार के अनुसार हिमालय के प्रथम अक्षर "हि" एवं इन्दु का अन्तिम अक्षर "न्दु", इन दोनों अक्षरों को मिलाकर शब्द बना "हिन्दु" और यह भू-भाग हिन्दुस्थान कहलाया। हिन्दू शब्द उस समय धर्म के बजाय राष्ट्रीयता के रूप में प्रयुक्त होता था। चूँकि उस समय भारत में केवल वैदिक धर्म को ही मानने वाले लोग थे, बल्कि तब तक अन्य किसी धर्म का उदय नहीं हुआ था इसलिए "हिन्दू" शब्द सभी भारतीयों के लिए प्रयुक्त होता था। भारत में केवल वैदिक धर्मावलम्बियों (हिन्दुओं) के बसने के कारण कालान्तर में विदेशियों ने इस शब्द को धर्म के सन्दर्भ में प्रयोग करना शुरु कर दिया।
आम तौर पर हिन्दू शब्द को अनेक विश्लेषकों ने विदेशियों द्वारा दिया गया शब्द माना है। इस धारणा के अनुसार हिन्दू एक फ़ारसी शब्द है। हिन्दू धर्म को सनातन धर्म या वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म भी कहा जाता है। ऋग्वेद में सप्त सिन्धु का उल्लेख मिलता है - वो भूमि जहाँ आर्य सबसे पहले बसे थे। भाषाविदों के अनुसार हिन्द आर्य भाषाओं की "स्" ध्वनि (संस्कृत का व्यंजन "स्") ईरानी भाषाओं की "ह्" ध्वनि में बदल जाती है। इसलिए सप्त सिन्धु अवेस्तन भाषा (पारसियों की धर्मभाषा) में जाकर हफ्त हिन्दु में परिवर्तित हो गया (अवेस्ता: वेन्दीदाद, फ़र्गर्द 1.18)। इसके बाद ईरानियों ने सिन्धु नदी के पूर्व में रहने वालों को हिन्दु नाम दिया। जब अरब से मुस्लिम भारत में आए, तो उन्होंने भारत के मूल धर्मावलम्बियों को हिन्दू कहना शुरू कर दिया। चारों वेदों में, पुराणों में, महाभारत में, स्मृतियों में इस धर्म को हिन्दु धर्म नहीं कहा है, वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म कहा है।
2. ब्रह्म या परम तत्त्व सर्वव्यापी है।
3. जीवमात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है।
4. हिन्दुत्व का लक्ष्य स्वर्ग-नरक से ऊपर।
5. हिन्दुओं में कोई एक पैगम्बर नहीं है।
6. धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार-बार पैदा होते हैं।
7. परोपकार पुण्य है, दूसरों को कष्ट देना पाप है।
8. ईश्वर से डरें नहीं, प्रेम करें और प्रेरणा लें।
9. स्त्री आदरणीय है।
10. हिन्दुत्व का लक्ष्य पुरुषार्थ है और मध्य मार्ग को सर्वोत्तम माना गया है।
11. हिन्दुत्व का वास हिन्दू के मन, संस्कार और परम्पराओं में।
12. पर्यावरण की रक्षा को उच्च प्राथमिकता।
13. आत्मा अजर-अमर है।
14. हिन्दू दृष्टि समतावादी एवं समन्वयवादी।
15. सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र।
16. हिन्दुओं के पर्व और त्योहार खुशियों से जुड़े हैं।
17. सती का अर्थ पति के प्रति सत्यनिष्ठा है।
भारतवर्ष को प्राचीन ऋषियों ने "हिन्दुस्थान" India नाम दिया था, जिसका अपभ्रंश "हिन्दुस्तान" है। "बृहस्पति आगम" के अनुसार: "हिन्दू" शब्द "सिन्धु" से बना माना जाता है। संस्कृत में सिन्धु शब्द के दो मुख्य अर्थ हैं - पहला, सिन्धु नदी जो मानसरोवर के पास से निकल कर लद्दाख़ और पाकिस्तान से बहती हुई समुद्र में मिलती है, दूसरा - कोई समुद्र या जलराशि। ऋग्वेद की नदीस्तुति के अनुसार वे सात नदियाँ थीं : सिन्धु, सरस्वती, वितस्ता (झेलम), शुतुद्रि (सतलुज), विपाशा (व्यास), परुषिणी (रावी) और अस्किनी (चेनाब)। एक अन्य विचार के अनुसार हिमालय के प्रथम अक्षर "हि" एवं इन्दु का अन्तिम अक्षर "न्दु", इन दोनों अक्षरों को मिलाकर शब्द बना "हिन्दु" और यह भू-भाग हिन्दुस्थान कहलाया। हिन्दू शब्द उस समय धर्म के बजाय राष्ट्रीयता के रूप में प्रयुक्त होता था। चूँकि उस समय भारत में केवल वैदिक धर्म को ही मानने वाले लोग थे, बल्कि तब तक अन्य किसी धर्म का उदय नहीं हुआ था इसलिए "हिन्दू" शब्द सभी भारतीयों के लिए प्रयुक्त होता था। भारत में केवल वैदिक धर्मावलम्बियों (हिन्दुओं) के बसने के कारण कालान्तर में विदेशियों ने इस शब्द को धर्म के सन्दर्भ में प्रयोग करना शुरु कर दिया।
आम तौर पर हिन्दू शब्द को अनेक विश्लेषकों ने विदेशियों द्वारा दिया गया शब्द माना है। इस धारणा के अनुसार हिन्दू एक फ़ारसी शब्द है। हिन्दू धर्म को सनातन धर्म या वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म भी कहा जाता है। ऋग्वेद में सप्त सिन्धु का उल्लेख मिलता है - वो भूमि जहाँ आर्य सबसे पहले बसे थे। भाषाविदों के अनुसार हिन्द आर्य भाषाओं की "स्" ध्वनि (संस्कृत का व्यंजन "स्") ईरानी भाषाओं की "ह्" ध्वनि में बदल जाती है। इसलिए सप्त सिन्धु अवेस्तन भाषा (पारसियों की धर्मभाषा) में जाकर हफ्त हिन्दु में परिवर्तित हो गया (अवेस्ता: वेन्दीदाद, फ़र्गर्द 1.18)। इसके बाद ईरानियों ने सिन्धु नदी के पूर्व में रहने वालों को हिन्दु नाम दिया। जब अरब से मुस्लिम भारत में आए, तो उन्होंने भारत के मूल धर्मावलम्बियों को हिन्दू कहना शुरू कर दिया। चारों वेदों में, पुराणों में, महाभारत में, स्मृतियों में इस धर्म को हिन्दु धर्म नहीं कहा है, वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म कहा है।
हिन्दू धर्म Hindu Religion के सिद्धान्त :
1. ईश्वर एक नाम अनेक।2. ब्रह्म या परम तत्त्व सर्वव्यापी है।
3. जीवमात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है।
4. हिन्दुत्व का लक्ष्य स्वर्ग-नरक से ऊपर।
5. हिन्दुओं में कोई एक पैगम्बर नहीं है।
6. धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार-बार पैदा होते हैं।
7. परोपकार पुण्य है, दूसरों को कष्ट देना पाप है।
8. ईश्वर से डरें नहीं, प्रेम करें और प्रेरणा लें।
9. स्त्री आदरणीय है।
10. हिन्दुत्व का लक्ष्य पुरुषार्थ है और मध्य मार्ग को सर्वोत्तम माना गया है।
11. हिन्दुत्व का वास हिन्दू के मन, संस्कार और परम्पराओं में।
12. पर्यावरण की रक्षा को उच्च प्राथमिकता।
13. आत्मा अजर-अमर है।
14. हिन्दू दृष्टि समतावादी एवं समन्वयवादी।
15. सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र।
16. हिन्दुओं के पर्व और त्योहार खुशियों से जुड़े हैं।
17. सती का अर्थ पति के प्रति सत्यनिष्ठा है।
18. हिन्दुत्व एकत्व का दर्शन है।
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